प्रदेश में हुए सबसे बड़े साइबर हमले के 14 दिन बाद उद्योगों की सिंगल विंडो समेत सभी सेवाएं बंद हैं। सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट से संबंधित सभी परियोजनाएं भी ठप पड़ी हुई हैं। हालात ये हैं कि विभागों से जुड़े सभी कामकाज लटके हैं। लोग परेशान हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) लगातार स्कैनिंग कर सेवाएं सुचारू करने का दावा कर रहा। तीन अक्तूबर को प्रदेश में सबसे बड़ा साइबर हमला हुआ था। माकोप रैनसमवेयर से हुए हमले में आईटीडीए का डाटा सेंटर व अन्य सभी आईटी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं थीं। 150 से ज्यादा वेबसाइट व मोबाइल एप पूरी तरह से बंद हो गए थे।

तमाम दावों, वादों और कवायदों के बावजूद निवेशकों, उद्योगपतियों के वर्चुअल रास्ते पूरी तरह बंद पड़े हैं। उद्योग निदेशालय सिंगल विंडो सिस्टम से एक ही जगह से सभी सेवाएं देता है, जिसका कामकाज आज तक भी सुचारू नहीं हो पाया। वेबसाइट पूरी तरह बंद है। निवेशकों के पास इंतजार के सिवा कुछ नहीं।

यूरेडा का पोर्टल भी 14 दिन से बंद
इसी प्रकार, सरकार की महत्वपूर्ण मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना, सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट की अन्य परियोजनाएं देने का काम भी 14 दिन से ठप है। उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूरेडा) का पोर्टल भी 14 दिन से बंद है। इन परियोजनाओं की आवेदन प्रक्रिया, आवंटन या अन्य संबंधित सभी प्रक्रियाएं सुचारू न होने से लोग परेशान हैं।

आईटीडीए अधिकारियों का दावा है कि अब तक करीब 100 वेबसाइट व मोबाइल एप सुचारू किए जा चुके हैं। बाकी पर काम चल रहा है।

जो चले, उनकी चाल न बढ़ी

एहतियात के तौर पर कई महत्वपूर्ण वेबसाइटें यूके स्वान व एनआईसी के सिक्योर नेटवर्क पर संचालित की जा रही हैं। कई अफसरों का कहना है कि इनमें से केवल ई-ऑफिस तो ठीक चल रहा। बाकी आईएफएमएस समेत कई सेवाएं अटक-अटक कर या बेहद धीमी गति से चल रही हैं। इससे सरकारी कामकाज में तेजी ही नहीं आ पा रही है।

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