गोमुख ट्रेक सहित गंगोत्री ग्लेशियर की ऊंची चोटियों के लिए ट्रैकर्स और पर्वतारोहियों को मई माह तक का इंतजार करना पड़ेगा। गंगोत्री नेशनल पार्क के तहत आने वाले इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी के कारण गंगोत्री से भांगलुबासा तक आठ किमी के दायरे में करीब छह विशालकाय ग्लेश्यिर आए हुए हैं। इस कारण गोमुख और केदारताल ट्रेक खुलने में मई तक का समय लग जाएगा।

एक अप्रैल को गंगोत्री नेशनल पार्क के तहत नेलांग घाटी, गड़तांग गली, गोमुख और केदारताल ट्रेक खोल दिया जाएगा। इसी क्रम में पार्क के उपनिदेशक हरीश नेगी के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने गंगोत्री से लेकर भांगलुबासा तक करीब आठ किमी ट्रेक का निरीक्षण किया।

उससे आगे मार्ग कठिन होने के कारण टीम आगे नहीं जा पाई। नेगी ने बताया कि इस बीच में करीब 15 से 20 फीट ऊंचे ग्लेशियर आए हुए हैं। इसलिए गोमुख और केदारताल ट्रेक पर पार्क के गेट खुलने के बाद आवाजाही नहीं हो पाएगी।

हालांकि इन दिनों बढ़ते तापमान से उम्मीद है कि अप्रैल माह के अंत तक ग्लेशिर पिघलने के बाद ट्रेकर्स और पर्वतारोहियों की आवाजाही शुरू करवाई जा सके। लेकिन उसके बाद भी बर्फ और हिमस्खलन से क्षतिग्रस्त मार्ग को दुरूस्त करने के लिए भी पार्क प्रशासन को कड़ी मशक्क्त करनी पड़ेगी। क्योंकि पैदल ट्रैक पर मशीनरी भी कार्य नहीं कर सकती हैं।

नेगी ने बताया कि गड़तांग गली और नेलांग में आवाजाही में कोई समस्या नहीं होगी। इसलिए इन दोनों में आवाजाही के लिए पर्यटकों को एक अप्रैल से अनुमति दी जाएगी। वन दरोगा राजवीर रावत ने बताया कि गंगोत्री से कनखू बैरियर के बीच मंदिर के समीप और देवऋषी नाले में दो सहित उसके बाद हामक्या में दो और देवठांग और भांगलुबासा में बड़े-बड़े विशालकाय ग्लेश्यिर आए हैं। सबसे बड़ा ग्लेशियर भांगलुबासा में आया है।

By Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *